दवा से ज्यादा जरूरी है सही दिनचर्या
यदि आपकी दिनचर्या सही है तो वह दवा से ज्यादा काम करेगी। दवा तो अपनी जगह पर काम करेगी।
अपनी दिनचर्या को ठीक कर लिया तो दवा आपकी कई गुना ज्यादा फायदा करेगी। आप शीघ्र रोग मुक्त हो सकेंगे।
कई बार क्या होता है कि व्यक्ति दवा तो लगातार लेता रहता है लेकिन दिनचर्या को बिल्कुल ठीक नहीं करता।
परिणाम यह होता है कि लगातार दवा खाता रहता है और उसका कोई विशेष फायदा उसे नहीं हो पाता है।
इसलिए दवा से ज्यादा जरूरी है आपकी दिनचर्या का ठीक होना।
दवाओं का सहारा न लेना पड़े
जब कभी आपके शरीर में किसी प्रकार की कोई परेशानी हो जाए और उसके लिए आपको कोई दवा लेनी पड़े,
तो आपका लक्ष्य यह होना चाहिए कि हमें किस प्रकार से शीघ्र ठीक होकर दवाओं का सहारा न लेना पड़े
यदि हमने अपनी दिनचर्या को सही न किया और अपने रहन-सहन को सही न किया, प्रकृति के अनुसार न किया तो यह दवा हमें लगातार लेनी पड़ेगी।
दवाओं का ज्यादा सेवन आप जानते हैं कि आपके शरीर को ही नुकसान पहुंचाता है।
एलोपैथी की अधिकांश दवाएं करती हैं साइड इफेक्ट
आयुर्वेद रोग से लड़ने में पूर्ण सक्षम होता है।
आप प्रकृति की शरण में रहकर प्रकृति के नियमों को अपनाकर रोग मुक्त होते हैं और थोड़ा आयुर्वेद का सहारा लेते हैं, तो वह आपके लिए ज्यादा अच्छा है।
यदि विपरीत काम करते रहें तो क्या हम स्वस्थ होंगे
उदाहरण के लिए, शराब पीने वाले को शराब नुकसान कर रही है और वह शराब से हुए नुकसान को ठीक करने के लिए दवा लेते रहे।
दूसरी तरफ शराब पीते रहे तो क्या यह संभव है कि शराब का नुकसान नहीं होगा।
आपको शराब छोड़ना होगा तो फिर उसके बाद जो दवा ले रहे हैं वह काम करेगी।
उसके साथ यदि दिनचर्या भी ठीक कर ले तो आप शीघ्र ठीक हो जाएंगे।
आपके पेट में कब्ज है, कब्ज की दवा लेते रहते हैं और दूसरी तरफ जो चीजें आपके पेट में कब्ज बढ़ा रही हैं,
उनका सेवन लगातार करते रहते हैं, तो क्या यह दवा आपको फायदा पहुंचाएगी।
डायबिटीज और मोटापा बढ़ाने वाले कारणों का हम त्याग नहीं करते,
तो क्या यह संभव है डायबिटीज और मोटापा खत्म होगा।
दुनिया की कोई दवा काम नहीं करेगी
आप कितनी भी दवाई खाते रहो, यदि आप डायबिटीज और मोटापा बढ़ाने वाले पदार्थों का सेवन करते रहेंगे, तो दुनिया की कोई दवा काम नहीं करेगी।
हमें उन कारणों को हटाना पड़ेगा। जिनकी वजह से हमें वह रोग हो रहे हैं।
शरीर स्वस्थ जरूर होगा
प्रारंभिक अवस्था में दिनचर्या को ठीक कर रहे हैं तो शरीर स्वस्थ जरूर होगा।
आप लापरवाही बरतते हैं, तो एक स्थिति ऐसी आ जाती है कि वह रोग किसी भी दवाई से ठीक नहीं होता।
फिर कहते हैं रोग असाध्य हो गया एक रोग से अनेक रोग पैदा हो जाते हैं। जीवन कष्ट मय हो जाता है।
रूपए और समय की बरबादी
- रूपए पैसे की बर्बादी होती हैं,
- समय की बरबादी होती हैं
- शरीर से भी दुखी रहते हैं।
इसलिए आपके शरीर में यदि किसी भी प्रकार का कोई परेशानी है तो उसे शुरुआत के दिनों में सही दिनचर्या दोनों के द्वारा उसे ठीक करना चाहिए।
अतः निष्कर्ष यही है दवा से ज्यादा महत्वपूर्ण है आपकी दिनचर्या।
जैसे सही समय पर जागना , सही समय पर सोना और सही समय पर खाना इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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नेचुरोपैथी / Naturopathy एक चिकित्सा-दर्शन
Nice
thanks
प्राकृतिक चिकित्सा
Good
thanks
Naturopathy ,as we all know,is very effective means to keep fit and healthy.And how this can be done is very well explained by you through this writeup.Thanks a lot.
thanks MR D S Chauhan Ji
thanks
प्राकृतिक चिकित्सा का सिद्धांत – प्रकृति स्वयं चिकित्सा करती है